कविता संग्रह >> यादें यादेंनवलपाल प्रभाकर
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बचपन की यादें आती हैं चली जाती हैं पर इस कोरे दिल पर अमिट छाप छोड़ जाती हैं।
पीले फूल
सरसों पर फूले
फूल पीले।
फूलों में सुगन्ध
मिट्टी के मृदंग
बजते रहते
हर घर आँगन में।
सरसों पर फूले
फूल पीले।
आँखों में ज्योति
फूलों में बसती
नयन नक्श
प्रकृति से मिलते।
सरसों पर फूले
फूल पीले।
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