व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> हौसला हौसलामधुकांत
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नि:शक्त जीवन पर लघुकथाएं
विकलांग कैम्प
विकलांग कैम्प में तीन सौ व्यक्तियों की जांच की गयी। व्हील चेयर,
ट्राई-साईकिल, श्रवण-यंत्र, कृत्रिम पाँव आदि देने का आश्वासन देकर सबको
घर भेज दिया।
विकलांग सेवा के लिए सरकार से मिला पांच लाख का अनुदान संस्था के पास था। इस अनुदान के विषय में संस्था के गिने चुने व्यक्ति ही जानते थे।
दानदाताओं से धन संग्रह करने के लिए खूब विज्ञापन किया गया। वहां की जनता ने मुक्तहस्त से दान देकर दो लाख रुपया एकत्रित किया तथा कुछ और देने का आश्वासन भी दिया।
एक दिन विकलांग लोगों को तथा क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों को बुलाकर उपकरण बांट दिए गए।
कैम्प के बाद स्थानीय नेता के घर देर तक बैठक चलती रही और विकलांग सेवा होती रही।
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