लोगों की राय

कविता संग्रह >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9720
आईएसबीएन :

Like this Hindi book 4 पाठकों को प्रिय

258 पाठक हैं

मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



66

सब बिछाये हैं जाल राहों पर


सब बिछाये हैं जाल राहों पर।
है निकलना मुहाल राहों पर।।

आदमी, तलघरों में दुबके हैं,
घूमते हैं, सवाल राहों पर।

कोठियों से, सही नहीं दिखता,
आओ, देखो तो हाल राहों पर।

पेट के वास्ते जमूरे सब,
कर रहें हैं कमाल राहों पर।

हैं सियासी दलाल संसद में,
और उनके दलाल राहों पर।

जाने किसकी तलाश करता है,
एक शायर का ख्य़ाल, राहों पर।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

Abhilash Trivedi

लाजवाब कविताएँ!