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कविता संग्रह >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9720
आईएसबीएन :

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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



19

क्या मज़ा आता है जलने में, ये जलकर देखिये


क्या मज़ा आता है जलने में, ये जलकर देखिये।
आप मेरे साथ अंगारों पे चलकर देखिये।।

आईने को बेसबब इल्ज़ाम देना छोड़ कर,
अपनी ऐनक के ज़रा शीशे बदल कर देखिये।

आपकी दुनिया से बेहतर एक दुनिया और है,
दायरों की क़ैद से बाहर निकल कर देखिये।

होके क़तरा भी समन्दर से बड़े हो जायेंगे,
प्यास के मारों की ख़ातिर कुछ पिघलकर देखिये।

देखने के शौक़ में ख़ुद ही तमाशा हो न जायँ,
देखिये बेशक तमाशा पर संभलकर देखिये।

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Abhilash Trivedi

लाजवाब कविताएँ!