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प्रेमचन्द की कहानियाँ 40

प्रेमचंद

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :166
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9801
आईएसबीएन :9781613015384

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प्रेमचन्द की सदाबहार कहानियाँ का चालीसवाँ भाग


यह जवाब उन्ही के शब्दों में नम्बरवार नीचे दर्ज किए जाते हैं—

1- मेरे ससुर एक दौलत मन्द आदमी थे और उनकी यह इकलौती बेटी थी इसलिए मेरे पिता ने शादी की।

2- मेरे बाप-दादा सभी शादी करते चले आए हैं इसलिए मुझे भी शादी करनी पड़ी।

3- मैं हमेशा से खामोश और कम बोलने वाला रहा हूं, इनकार न कर सका।

4- मेरे ससुर ने शुरू मे अपने धन-दौलत का बहुत प्रदर्शन किया इसलिए मेरे मां-बाप ने फौरन मेरी शादी मंजूर कर ली।

5- नौकर अच्छे नहीं मिलते थे और अगर मिलते भी थे तो ठहरते नहीं थे। खास तौर पर खाना पकानेवाला अच्छा नहीं मिलता। शादी के बाद इस मुसीबत से छुटकारा मिल गया।

6- मैं अपना जीवन-बीमा कराना चाहता था और खानापूरी के वास्ते विधवा का नाम लिखना जरूरी था।

7- मेरी शादी जिद में हुई। मेरे ससुर शादी के लिए रजामन्द न होते थे मगर मेरे पिता को जिद हो गई। इसलिए मेरी शादी हुई। आखिरकार मेरे ससुर को मेरी शादी करनी ही पड़ी।

8- मेरे ससुरालवाले बड़े ऊंचे खानदान के हैं इसलिए मेरे माता-पिता ने कोशिश करके मेरी शादी की।

9- मेरी शिक्षा की कोई उचित व्यवस्था न थी इसलिए मुझे शादी करनी पड़ी।

10- मेरे और मेरी बीवी के जनम के पहले ही हम दोनों के मां-बाप शादी की बातचीत पक्की हो गई थी।

11- लोगों के आग्रह से पिता ने शादी कर दी।

12- नस्ल और खानदान चलाने के लिए शादी की।

13- मेरी मां का देहान्त हो गया था और कोई घर को देखनेवाला न था इसलिए मजबूरन शादी करनी पड़ी।

14- मेरी बहनें अकेली थीं, इस वास्ते शादी कर ली।

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