कहानी संग्रह >> प्रेमचन्द की कहानियाँ 40 प्रेमचन्द की कहानियाँ 40प्रेमचंद
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प्रेमचन्द की सदाबहार कहानियाँ का चालीसवाँ भाग
31- मेरे दांत गिरने लगे थे और बाल सफेद हो गए थे इसलिए शादी कर ली।
32- फौज में शादीशुदा लोगों को तनख्वाह ज्यादा मिलती थी इसलिए मैंने भी शादी कर ली।
33- कोई मेरा गुस्सा बर्दाश्त न करता था इसलिए मैंने शादी कर ली।
34- बीवी से ज्यादा कोई अपना समर्थक नहीं होता इसलिए मैंने शादी कर ली।
35- मैं खुद हैरान हूं कि शादी क्यों की।
36- शादी भाग्य में लिखी थी इसलिए कर ली।
इसी तरह जितने मुंह उतनी बातें सुनने में आयीं।
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