कहानी संग्रह >> जयशंकर प्रसाद की कहानियां जयशंकर प्रसाद की कहानियांजयशंकर प्रसाद
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जयशंकर प्रसाद की सम्पूर्ण कहानियाँ
ब...में।
तुम यहाँ कैसे आये?
भागकर।
नौकरी करोगे?
हाँ।
अच्छा, हमारे साथ चलो।
बालक ने सोचा कि सिवा काम
के और क्या करना है, तो फिर इनके साथ ही उचित
है। कहा- अच्छा, चलिये।
बंगाली
महाशय उस बालक को घुमाते-फिराते एक मकान के द्वार पर पहुँचे। दरबान ने
उठकर सलाम किया। वह बालक-सहित एक कमरे में पहुँचे, जहाँ एक नवयुवक बैठा
हुआ कुछ लिख रहा था, सामने बहुत से कागज इधर-उधर बिखरे पड़े थे।
युवक ने बालक को देखकर
पूछा- बाबूजी, यह बालक कौन है?
यह
नौकरी करेगा, तुमको एक आदमी की जरूरत थी ही, सो इसको हम लिवा लाये हैं,
अपने साथ रक्खो- बाबूजी यह कहकर घर के दूसरे भाग में चले गये थे।
युवक के कहने पर बालक भी
अचकचाता हुआ बैठ गया। उनमें इस तरह बातें होने
लगीं-
युवक- क्यों जी, तुम्हारा
नाम क्या है?
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