लोगों की राय

उपयोगी हिंदी व्याकरण

भारतीय साहित्य संग्रह

निःशुल्क ई-पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण

हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक


टिप्पणी

1. सर्वनाम में लिंग के अनुसार रूप में परिवर्तन नहीं होते हैं। जैसे –

गाय भीतर आ गई है, वह पौधे तोड़ देगी।
गधा भीतर आ गया है, वह पौधे तोड़ देगा।
लिंग का पता क्रिया रूपों से लगता है, न कि सर्वनाम रूपों से।

2. रूपावली के अनुसार उत्तम पुरुष एकवचन मै है, किंतु कुछ क्षेत्रों में तथा कुछ स्थितियों में वक्ता अपने लिए हम सर्वनाम का प्रयोग करता है, जैसे – हम कल दिल्ली जा रहे हैं। मैं कल दिल्ली जा रहा हूँ। इस कारण रूपावली में बहुवचन बताए। हम रूप के स्थान पर हम लोग (हम सब) का प्रचलन है।

3. रूपावली के अनुसार मध्यम पुरुष एकवचन तू है, किन्तु इसका विशेष प्रयोग प्यार-दुलार, अधिक आत्मीयता और कभी-कभी निरादर अथवा हीनता दिखाने के लिए होता है। अतः श्रोता/पाठक (एकवचन) के लिए तुम का ही सामान्य प्रयोग होता है। आदर प्रदर्शित करते समय आप का प्रयोग होता है। उत्तम पुरुष के तरह यहाँ भी बहुवचन में रूपावली में दिखाए तुम रूप के स्थान पर तुम लोग (तुम सब) का प्रचलन है।

4. एकवचन कुछ परिणाम का बोधक है और बहुवचन कुछ संख्याबोधक है।

5. मुझ, हम, तुझ, तुम, इस, इन, उस, उन, किस, किन में निश्चयार्थी – ई (ही) के योग से निश्चयार्थक रूप बनते हैं- मुझी, हमीं, तुझी, तुम्हीं, इसी, इन्हीं, उसी, उन्हीं, किसी, किन्हीं।

...Prev | Next...

To give your reviews on this book, Please Login