लोगों की राय

मूल्य रहित पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण

उपयोगी हिंदी व्याकरण

भारतीय साहित्य संग्रह

Download Book
प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2021
पृष्ठ :400
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 12546
आईएसबीएन :1234567890

Like this Hindi book 0

हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक

अध्याहार


अध्याहार संस्कृत व्याकरण का शब्द है, जिसका अर्थ अप्रकट पदों को वाक्य में प्रकट रूप में लाना है। भाषा सदैव सामाजिक संदर्भ में प्रयुक्त होती है, जो संरचक संदर्भ से स्वयं स्पष्ट हैं, उन्हें प्रायः प्रकट रूप में नहीं लाया जाता। उदाहरणार्थ:

1. विधि (आज्ञा) में कर्ता का लोप: चूँकि आज्ञा मध्यम पुरुष में ही होती है अतएव कर्ता के लोप का आसानी से अध्याहार हो जाता है। अच्छा अब जल्दी से जाओ में तुम अप्रकट है।
2. ‘मैं’ का लोप: जहाँ हूँ से कर्ता मैं का आसानी से पता चलता है, वहाँ मैं का लोप होता है
3. नकारात्मक वाक्य के साथ हूँ, हैं, आदि का लोप: मैं नहीं जा रहा में “हूँ” का लोप है।
4. लोकोक्तियों में क्रिया का लोप: घर की मुर्गी दाल बराबर – यहाँ पूरा वाक्य “होती है” लगाकर होता है।
5. वार्तालाप में: विशेषतः प्रश्नोत्तर में,कई आसानी से स्पष्ट होने वाले अंशों का लोप मिलता है, जैसे –

आप कल कहाँ जा रहे हैं।
लखनऊ (-- मैं लखनऊ जा रहा हूँ)।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book