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हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
संयुक्त और मिश्र वाक्यों का विश्लेषण
विश्लेषण की प्रक्रिया इस प्रकार है:
पहले इन वाक्यों के सरल वाक्यों (उपवाक्यों) को पहचान-पहचान कर अलग-अलग कीजिए। समापिका क्रिया की उपस्थिति उपवाक्य का सबसे अच्छा सूचक है, किंतु कभी-कभी संयुक्त-मिश्र आदि वाक्यों के बाद में आने वाले उपवाक्य में समापिका क्रिया का अध्याहार (लोप) भी मिलता है; ऐसी स्थिति में उन्हें कोष्ठक में प्रकट रूप में लिख देना चाहिए।
इसके बाद प्रत्येक उपवाक्य का किस उपवाक्य से संबंध है, ज्ञात कीजिए और यह भी कि यह संबंध समानाधिकरण है या व्याधिकरण। तब योजकों को पृथक् रख कर प्रत्येक उपवाक्य का सरल वाक्य की भाँति उद्देश्य-विधेय रीति से विश्लेषण कीजिए।
उदाहरणार्थ निम्नलिखित वाक्य लीजिए –
“स्वामी जी हमारे बीच नहीं हैं, पर आध्यात्मिक ज्योति की जो मशाल वे जला
गए हैं, वह सदा के लिए संसार को आलोकित करती रहेगी।”
समापिका क्रिया को रेखांकित करने से पता चला कि तीन उपवाक्य हैं –
(1) स्वामी जी आज हमारे बीच में नहीं है।
(2) (पर), आध्यात्मिक ज्योति की <वह> (मशाल) सदा के
लिए संसार को आलोकित करती रहेगी।
(3) (आध्यात्मिक ज्योति की) <जो> मशाल वे
(स्वामीजी) जला गए हैं।
इन तीनों वाक्यों का परस्पर संबंध इस प्रकार है:
प्रधान उपवाक्य: उपवाक्य 1 और उपवाक्य समुच्चय (2+3) (योजक) (पर) प्रधान
उपवाक्य (2,3 में) : उपवाक्य 2
आश्रित उपवाक्य (2,3 में) : उपवाक्य 3 विशेषण उपवाक्य
प्रधान उपवाक्य स्थित मशाल का (योजकयुग्म <वह> <जो>)
उद्देश्य |
विधेय |
||||||||
उपवाक्य | अन्य कारकीय पद |
कर्म/पूरक |
क्रिया विशेषणात्मक |
क्रिया पद | |||||
2 | स्वामी जी | हमारे बीच में | संसार को | आज | नहीं है। | ||||
2 | <वह> आध्यात्मिक ज्योति की | मशाल | मशाल | सदा के लिए | आलोकित करती रहेगी | ||||
3 | = वे स्वामी जी | <जो> | मशाल | जला गए हैं। |
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