मूल्य रहित पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण उपयोगी हिंदी व्याकरणभारतीय साहित्य संग्रह
|
0 |
हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
इ. पर्यायवाची या समानार्थी शब्द
यह अनेकार्थी शब्द से बिल्कुल उलटा है। वहाँ एक और अनेक अर्थ होते थे और यहाँ
एक ही अर्थ को बताने वाले अनेक शब्द होते हैं। जैसे:
अश्व | ||
(शब्द) | ह्य | (अर्थ) घोड़ा नाम का प्राणी। |
तुरंग |
ऐसी स्थित जहाँ अनेक शब्द एक ही अर्थ देते हैं, पर्यायता (अनेकशब्दी-समानार्थी) स्थिति होती है, और अश्व, ह्य, तुरंग आदि एक दूसरे के पर्याय (समानार्थी) शब्द कहे जाते हैं। इस प्रकार पर्याय शब्द वे शब्द हैं जो एक ही (वस्तु) के व्यंजक हैं। अन्य पर्याय शब्दों के उदाहरण ये हैं:
रात — निशा, रात्रि, विभावरी, रजनी।
ईश्वर — भगवान, परमात्मा, प्रभु, जगदीश, परमेश्वर।
फूल — पुष्प, सुमन, प्रसून, कुसुम।
ई. विलोम शब्द या विपरीतार्थी शब्द
कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनका अर्थ किसी अन्य शब्द के अर्थ से उलटा (विपरीत)
होता है। ये शब्द आपस में विपरीतार्थी शब्द विलोम शब्द कहे जाते हैं, जैसे —
शब्द1 सुख --> अर्थ सुख — दुख का विपरीत अर्थ
शब्द2 दुख --> अर्थ दुख — सुख का विपरीत अर्थ
यहाँ शब्द1 और शब्द2 एक दूसरे के विलोम या
विपरीतार्थीं हैं। इस प्रकार वे शब्द जिनके अर्थ एक दूसरे के विपरीत हैं,
विपरीतार्थी शब्द कहे जाते हैं। उदाहरण हैं —
जीवन-मरण, जड़-चेतन, ऊँच-नीच, अमीर-गरीब आदि।
|