आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ गायत्री की असंख्य शक्तियाँश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन
आदिशक्ति
संसार में अगणित शक्तियाँ अपने-अपने क्षेत्रों में काम कर रही हैं और उनके अपने-अपने महत्त्व भी हैं, पर इन शक्तियों का मूल उद्गम उस आदिशक्ति में है जिसे गायत्री कहा जाता है। सृष्टि के प्रारंभ में ब्रह्मा जी की अंतःस्फुरणा रूप में इसी का प्रादुर्भाव हुआ, पीछे सूर्य की सहस्रों किरणों के समान इस जगत् की रचना हुई और उसकी व्यवस्था गायत्री को सोंप दी गई। वही अपनी शक्तियों से विश्व का सृजन, पालन और संहार करती हैं।
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