कविता संग्रह >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
|
3 पाठकों को प्रिय 278 पाठक हैं |
आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
८६
ऐसा लगता है किसी की मेहरबानी हो गयी
ऐसा लगता है किसी की मेहरबानी हो गयी
आप तक पहुँची तो कुछ की कुछ कहानी हो गयी
मेरे घर में ख़ुशबुओं की बाग़बानी हो गयी
दिन का राजा मैं हुआ, वो रातरानी हो गयी
कोई राजा है ग़ज़ल का, कोई रानी हो गयी
फेसबुक तो शायरी की राजधानी हो गयी
इस क़दर आँखों से अश्कों की रवानी हो गयी
दर्द के बादल उठे, धरती भी पानी हो गयी
हाथ पीले कर नहीं सकती ग़रीबी क्या करें
बाप बूढ़ा हो गया, बेटी सयानी हो गयी
अब तो वेलन्टाइन डे पर हो रहा इज़हारे-इश्क़
लैला-मजनू की कहानी तो पुरानी हो गयी
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book