उपयोगी हिंदी व्याकरणभारतीय साहित्य संग्रह |
निःशुल्क ई-पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण |
हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
संयुक्त वर्ण
(क) खड़ी पाई वाले व्यंजन – खड़ी पाई वाले व्यंजनों का संयुक्त रूप खड़ी पाई को हटाकर बनाया जाना चाहिए; यथा : (जैसे ख में आधे ख के पीछे डंडा या खड़ी पाई लगी रहती है।)
ख्याति, लग्न, विघ्न, कच्चा, छज्जा | व्यास |
नगण्य | श्लोक |
कुत्ता, पथ्य, ध्वनि, न्यास, प्यास, डिब्बा | राष्ट्रीय |
सभ्य, रम्य, शय्या, उल्लेख | स्वीकृत |
यक्ष्मा | |
यंबक |
अन्य व्यंजन – क और फ के संयुक्ताक्षर
(अ) संयुक्त, पक्का, रफ्तार, आदि की तरह बनाए जाएँ, न कि संयुक्त
पक्का की तरह।
(आ) ङ, ट, ड, द और ह के संयुक्ताक्षर हल चिह्न लगाकर ही बनाए जाएँ यथा:
वाङ्मय, लट्टू, बुडढा, विद्या, चिह्न,
ब्रह्मा : वाङ्य, लट्टू,
बुड्ढा, विद्या, चिह्न, ब्रह्मा नहीं।
(इ) र के प्रचलित तीन रूप इस प्रकार हैं –
प्रकार, धर्म, राष्ट्र (प् + र), (र् + म), (ट् + र)
(ई) श्र का प्रचलित रूप ही मान्य होगा। इसे “श” के रूप में न लिखा जाए। त् +
र के संयुक्त रूप लिए त्र और त्र दोनो रूपों में से किसी एक प्रयोग की छूट
है। किंतु “क्र” को “कृ” के रूप में न लिखा जाए।
(उ) संस्कृत के संयुक्ताक्षर पुरानी शैली से भी लिखे जा सकेंगे उदाहरणार्थ
: संयुक्त, चिह्न, विद्या, चञ्ञल, विद्वान, वृद्ध, अङ्क, द्वितीय,
बुद्धि आदि।
To give your reviews on this book, Please Login