लोगों की राय

जीवनी/आत्मकथा >> शेरशाह सूरी

शेरशाह सूरी

सुधीर निगम

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :79
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10546
आईएसबीएन :9781610000000

Like this Hindi book 0

अपनी वीरता, अदम्य साहस के बल पर दिल्ली के सिंहासन पर कब्जा जमाने वाले इस राष्ट्रीय चरित्र की कहानी, पढ़िए-शब्द संख्या 12 हजार...

अमावस्या से पूर्णिमा की ओर बढ़ने वाले, तलहटी से शीर्ष पर पहुंचने वाले शेरशाह का भारतीय इतिहास में विशिष्ट स्थान है। अकबर अपने पिता हुमाऊं को भारत से खदेड़ने वाले शेरशाह से इतना प्रभावित था कि उसने इस वीर पुरुष की जीवनी लिखवाई। शेरशाह उन थोड़े से विदेशी शासकों में से एक था जिसने भारत जैसे विशाल देश को एक सूत्र में बांधने का काम किया और नागरिक सुविधाओं और यातायात के साधनों का विस्तार किया। अपने समय में शेरशाह अत्यंत दूरदर्शी और सूझबूझ वाला आदमी था।

अपनी वीरता, अदम्य साहस के बल पर दिल्ली के सिंहासन पर कब्जा जमाने वाले इस राष्ट्रीय चरित्र की कहानी, पढ़िए-

न्याय सबसे उत्तम धार्मिक आदर्श है - शेरशाह


 

शेरशाह...

दीर्घकाल तक अफगानिस्तान हिन्दुस्तान का एक हिस्सा होकर रहा है। उसकी भाषा पश्तो बुनियादी तौर पर संस्कृत से निकली है। हिन्दुस्तान में या हिन्दुस्तान के बाहर बहुत कम जगहें ऐसी हैं जहां भारतीय संस्कृति की स्मृतियां और भग्नावशेष - विशेषकर बौद्ध युग के - इतने बहुतायत से हों जितने अफगानिस्तान में हैं। अधिक ठीक तो यही रहेगा कि अफगान लोग हिन्दी अफगान कहे जाएं। अफगान जब यहां आए तो शुरू-शुरू में उनका व्यवहार ऐसा रहा जैसा विजेताओं का विजित लोगों के साथ होता है यानी कठोरता और निर्दयता का। लेकिन वे जल्द ही नरम पड़ गए। हिन्दुस्तान उनका घर बन गया और रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कहानी के ‘काबुलीवाला’ हो गए। हिंदुस्तानी औरतों से व्याह करने लगे। अलाउद्दीन खिलजी और उनके पुत्र की पत्नियां हिन्दू थीं। दिल्ली के मशहूर सुल्तान फिरोजशाह और गयासुद्दीन तुगलक की माँएं भी हिन्दू थीं।

Next...

प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book